NCERT Study Material for Class 10 Hindi Kshitij Chapter- 4,1 'Utsah' (Explanation, Textbook Question-Answers and Extra Questions /Important Questions with Answers)
हमारे ब्लॉग में आपको NCERT पाठ्यक्रम के अंतर्गत कक्षा 10 (Course A) की हिंदी पुस्तक 'क्षितिज' के पाठ पर आधारित प्रश्नों के सटीक उत्तर स्पष्ट एवं सरल भाषा में प्राप्त होंगे। साथ ही काव्य - खंड के अंतर्गत निहित कविताओं एवं साखियों आदि की विस्तृत व्याख्या भी दी गई है।
यहाँ NCERT HINDI Class 10 के पाठ - 4.1 'उत्साह' की व्याख्या दी जा रही है। इस कविता की व्याख्या पाठ की विषय-वस्तु को समझने में आपकी सहायता करेगी। इसे समझने के उपरांत आप पाठ से संबंधित किसी भी प्रश्न का उत्तर सरलता से दे सकेंगे। आपकी सहायता के लिए पाठ्यपुस्तक में दिए गए प्रश्नों के उत्तर (Textbook Question-Answers) एवं अतिरिक्त प्रश्नों के उत्तर (Extra Questions /Important Questions with Answers) भी दिए गए हैं। आशा है यह सामग्री आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगी।
पाठ परिचय
'उत्साह' एक आह्वान गीत है। आह्वान का अर्थ है - किसी विशेष उद्देश्य से या किसी कार्य को पूरा करने के लिए किसी विशेष पात्र से प्रार्थना करना या उसे बुलाना। 'उत्साह' कविता में सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी ने बादलों को संबोधित किया है। वास्तव में इस कविता के माध्यम से निराला जी अप्रत्यक्ष रूप से अपने समय के कवियों को संबोधित कर रहे हैं।
निराला जी ने यह कविता उस समय लिखी थी जब भारत अंग्रेज़ी शासन का गुलाम था। भारत के लोग अपनी गुलामी के साथ समझौता कर चुके थे और निराश थे। कवि उन लोगों के मन में नई उम्मीद और उत्साह को जगाने के लिए एक ऐसे कवि को पुकार रहे हैं जो अपनी कविता से लोगों का खोया हुआ आत्मविश्वास लौटा सके, उनमें वैसा ही उत्साह भर सके जैसा उत्साह तपतपाती गर्मी से बेहाल लोगों के मन में बादलों को देखकर उमड़ता है।
उत्साह कविता में निराला जी ने बादलों को दो रूपों में दिखाया है। एक रूप में बादल वर्षा करके पीड़ित, प्यासे लोगों और धरती की प्यास बुझाते हैं, उन्हें गर्मी से राहत देते हैं। धरती पर अनाज पैदा होने की क्रिया को संभव बनाते हैं इसलिए वे सभी प्राणियों के जीवन को उत्साह से भर देते हैं।
वहीं दूसरी ओर कवि, बादलों को एक कवि के रूप में देखते हैं। ऐसा कवि जो अपने नए विचारों से और नई कल्पनाओं से नई रचना करेगा। जो अपनी क्रांतिकारी कविता से समाज में बदलाव लाएगा। जो लोगों की सोई चेतना (सोच) को जगाएगा, उसमें नया उत्साह भरेगा।
कविता में ललित (सुंदर) कल्पना के साथ - साथ क्रांति के लिए गुलाम भारत के युवा कवियों को प्रेरित करना - ये दोनों ही मिलते हैं। सामाजिक क्रांति या बदलाव में साहित्य का महत्त्वपूर्ण योगदान होता है। अनेक कवियों और लेखकों ने अपनी लेखनी से भारत की जनता के मन में देश की आज़ाद कराने के लिए जोश भरने का काम किया है। निराला का ऐसा विश्वास है कि कवि की रचना में इतनी शक्ति होती है कि वह निराश लोगों के मन में आशा के भाव जगाकर, उसमें उत्साह भर सके। ऐसे भावों से पूर्ण कविता को निराला जी 'नवजीवन' और 'नूतन (नई) कविता' मानते हैं।
कविता - उत्साह
बादल, गरजो !-
शब्दार्थ -
गरजो - तेज़ आवाज़ करो
व्याख्या -
कवि बादलों से कहते हैं कि हे बादल! तुम गरजो। आज रिमझिम फुहार बरसाने का समय नहीं है। तुम्हें गरजते हुए बरसना होगा क्योंकि तुम्हें निराश, उदास और सोए हुए लोगों को जगाना है। तुम तेज़ आवाज़ के साथ गर्जना करो और गर्मी से पीड़ित लोगों को आशा का यह संदेश दो कि जल्दी ही वर्षा होने वाली है। उन्हें गर्मी से राहत मिलने वाली है।
घेर घेर घोर गगन, धाराधर ओ!
शब्दार्थ -
घेर-घेर - कब्ज़े में कर लेना, अपने अधीन कर लेना
घोर - पूरी तरह से, भयंकर रूप से
धाराधर - बादल
व्याख्या -
ओ तेज़ धारा को धारण करने वाले धाराधर! तुम इस पूरे आकाश को घेर लो अर्थात् आकाश में सब तरफ़ छा जाओ, जिससे तुम्हारे बरसने में अब किसी प्रकार का संदेह न रहे।
ललित ललित, काले घुँघराले,
बाल कल्पना के-से पाले,
शब्दार्थ -
ललित - सुंदर
व्याख्या -
कवि बादलों के रूप की सुंदरता का वर्णन करते हुए कहते हैं कि सुंदर - सुंदर और बच्चों के काले घुँघराले बालों के समान बनावट वाले अर्थात् घने बादलों! तुम बच्चों की कल्पना के समान हो।
कवि ने बादलों को बाल - कल्पना के समान इसलिए कहा है क्योंकि बच्चों की कल्पनाएँ हर पल अलग-अलग रूप बदलती हैं। जिस प्रकार बच्चों के विचार बहुत जल्दी - जल्दी बदलते हैं, उसी प्रकार बादल भी पल-पल अपना रूप बदलते हैं। उनका कोई एक निश्चित रूप नहीं होता।
विद्युत-छबि उर में, कवि, नवजीवन वाले !
वज्र छिपा, नूतन कविता
फिर भर दो-
बादल, गरजो !
शब्दार्थ -
विद्युत - छवि - बिजली की चमक
उर - हृदय
वज्र - कठोर (इंद्र देव का अस्त्र जो अपनी कठोरता और मज़बूती के लिए प्रसिद्ध है)
नूतन - नई
व्याख्या -
कवि कहते हैं कि बिजली की अपार ऊर्जा को अपने हृदय में रखने वाले बादलों! तुम नया जीवन देने वाले उस कवि के समान हो जिसने बिजली के समान शक्तिशाली और वज्र के समान प्रभावकारी (मज़बूत) अपने क्रांतिकारी विचारों को अभी अपने हृदय में छिपाकर रखा हुआ है।
यहाँ निराला जी क्रांतिकारी विचारों को मन में रखने वाले युवा कवियों को पुकारते हुए कहते हैं कि तुम अपनी नई कविता में बिजली की कड़क के समान अपने इन नए क्रांतिकारी भावों को फिर से भर दो। आज देश की पीड़ित और शोषित जनता को जगाने के लिए, उन्हें भय से मुक्त करके, उनमें उम्मीद जगाने के लिए तुम गर्जना भरी भाषा में, ओजपूर्ण शब्दों में कविता कहो।
निराला जी बादलों में उस कवि को देख रहे हैं जो अपनी कविता से संसार को नया जीवन देगा। बादल वर्षा करते हैं और जिससे अंकुर फूटते हैं तथा पेड़ - पौधे और फसल आदि उगते हैं जो नव जीवन का प्रतीक हैं। उसी प्रकार अपनी रचना से, निराश, मन से हारे लोगों में फिर से जीवन जीने की इच्छा जगाने, उन्हें प्रेरित करके नया जीवन देने की क्षमता कवि में है इसलिए निराला जी ने कवि को नवजीवन वाला कहा है।
विकल विकल, उन्मन थे उन्मन
विश्व के निदाघ के सकल जन,
आए अज्ञात दिशा से अनंत के घन !
तप्त धरा, जल से फिर शीतल कर दो-
बादल, गरजो !
शब्दार्थ -
विकल - परेशान, बेचैन
उन्मन - कहीं मन न टिकने की स्थिति, अनमनापन
निदाघ - गर्मी
सकल जन - सभी लोग
अनंत - जिसका कोई अंत न हो
घन - बादल
तप्त - तपती हुई
धरा - धरती
शीतल - ठंडा, शांत
व्याख्या -
कवि कहते हैं, बादलों के आने से पहले संसार के सभी लोग भयंकर गर्मी से व्याकुल (बेचैन) थे, अनमने थे, उनकि मन किसी एक जगह नहीं लग रहा था। ऐसे में अनंत अर्थात् जिसका कोई अंत नहीं, उस आसमान पर अज्ञात दिशा से आए हुए बादलों तुम गर्मी से तपती हुई इस धरती को बरसात के पानी से शीतल कर दो, शांत कर दो।
बादलों के आने की कोई निश्चित दिशा नहीं होती इसलिए निराला जी ने बादलों को अज्ञात दिशा से आया हुआ कहा है। यहाँ निराला जी यह संकेत देते हैं कि कवि की भी कोई एक निश्चित जाति या संप्रदाय नहीं होता।
कवि बार-बार बादलों से आग्रह कर रहे हैं कि तुम गर्जना करो और जल बरसाकर लोगों को गर्मी से राहत दो। साथ ही निराला जी कवियों से आग्रह कर रहे हैं कि वे क्रांति और जोश से भरी नई कविता लिखें जो हिम्मत हारे हुए भारतवासियों के मन में नई चेतना, नया उत्साह भर दें।
पाठ्यपुस्तक में दिए गए प्रश्नों के उत्तर
(Textbook Question-Answers)
प्रश्न - अभ्यास
1. कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर 'गरजने' के लिए कहता है, क्यों? कविता का शीर्षक उत्साह क्यों रखा गया है?
उत्तर - इस कविता के माध्यम से कवि उस समय की स्थिति में परिवर्तन लाना चाहते थे जब भारत अंग्रेज़ी शासन का गुलाम था। कविता में कवि ने बादलों को निराश, हारे हुए और अपनी शक्ति को भूल कर सोए हुए लोगों को जगाने में समर्थ बताया है। समाज में क्रांति या बदलाव लाने के लिए कवि बादलों से फुहार, रिमझिम या बरसाने अर्थात् लोगों के मन में कोमल भाव जगाने के स्थान पर गरजने अर्थात् क्रांतिकारी विचारों को भरने का आग्रह करते हैं। यहाँ गरजना शब्द क्रांति, बदलाव और विद्रोह का प्रतीक है। कवि नवजीवन के निर्माण के लिए बादलों से गरजने के लिए कहते हैं।
2. कविता का शीर्षक उत्साह क्यों रखा गया है?
उत्तर - उत्साह एक आह्वान गीत है जो बादलों को संबोधित करके लिखा गया है। कवि बादलों के माध्यम से लोगों में उत्साह उत्पन्न करना चाहते हैं। बादल वर्षा करके गर्मी से पीड़ित और प्यासे लोगों के दुख को दूर करके उनके जीवन में नई ऊर्जा, आशा और उत्साह जगाते हैं। वहीं दूसरे अर्थ में, गर्जना करने वाले बादलों के माध्यम से निराला जी पराधीन भारत की निराशा जनता में जोश जगाना चाहते हैं। भारत की गुलाम जनता में क्रांति की भावना जगाना चाहते हैं। क्रांति के भाव जगाने के लिए मन में ऊर्जा, जोश और उत्साह की आवश्यकता होती है इसलिए कविता का शीर्षक उत्साह रखा गया है।
3. कविता में बादल किन-किन अर्थों की ओर संकेत करता है?
उत्तर - कविता में बादल निम्नलिखित अर्थों की ओर संकेत करता है -
(i) बादल जल बरसाकर गर्मी से व्याकुल और प्यासे लोगों को राहत पहुँचाता है और उनका जीवन उत्साह से भर देता है।
(ii) बादल घनघोर गर्जना द्वारा लोगों के मन में क्रांति के भाव जगाता है।
(iii) बादल मनुष्य में उत्साह जगाकर उसे संघर्ष के लिए प्रेरित करता है।
(iv) बादल नवजीवन और परिवर्तन लाने का संकेत देता है।
4. शब्दों का ऐसा प्रयोग जिससे कविता के किसी खास भाव या दृश्य में ध्वन्यात्मक प्रभाव पैदा हो, नाद-सौदा कहलाता है। उत्साह कविता में ऐसे कौन-से शब्द हैं जिनमें नाद-सौंदर्य मौजूद है, छाँटकर लिखें।
उत्तर - 'नाद' का अर्थ है - ध्वनि या आवाज़। नाद - सौंदर्य कविता की सुंदरता को बढ़ाता है। वर्णों की बार-बार आवृत्ति (प्रयोग) तथा एक ही शब्द के बार-बार प्रयोग से कविता में नाद - सौंदर्य उत्पन्न होता है। 'उत्साह' कविता में निम्नलिखित स्थलों पर नाद - सौंदर्य दिखाई देता है -
(i) घेर घेर घोर गगन
(ii) ललित ललित, काले घुँघराले
(iii) विकल विकल, उन्मन थे उन्मन
रचना और अभिव्यक्ति
5. जैसे बादल उमड़-घुमड़कर बारिश करते हैं वैसे ही कवि के अंतर्मन में भी भावों के बादल उमड़-घुमड़का कविता के रूप में अभिव्यक्त होते हैं। ऐसे ही किसी प्राकृतिक सौंदर्य की देखकर अपने उमड़ते भावों के कविता में उतारिए।
उत्तर - छात्र अपनी रुचि - अनुसार स्वयं करें।
अतिरिक्त प्रश्नों के उत्तर
(Extra Questions /Important Questions with Answers) -
1. उत्साह कविता का उद्देश्य क्या है?
उत्तर - उत्साह कविता में कवि ने बादलों का आह्वान किया है। बादलों से गरजने का आग्रह करने का कवि का उद्देश्य यह है कि वह समाज में नई चेतना लाना चाहता है। प्रतिकूल अर्थात् खराब परिस्थितियों से थक कर हारे, निराश और अपने कर्त्तव्यों को पूरा करने में स्वयं को असमर्थ समझने वाले लोगों के मन में कवि आशा, जोश और क्रांति के भाव भरना चाहता है। लोगों के मन में उत्साह भरना ही कविता का उद्देश्य है।
2. उत्साह कविता में क्या संदेश निहित है?
उत्तर - कवि के अनुसार समाज में परिवर्तन के लिए क्रांति की आवश्यकता होती है यदि परिस्थितियों को अपने अनुकूल करना है तो धैर्य रखना होगा और साथ ही संघर्ष के लिए स्वयं को तैयार करना होगा। उत्साह कविता के माध्यम से कभी युवा कवियों को ऐसी कविताएँ लिखने का आग्रह कर रहे हैं जो लोगों के मन में जोश भर दें। वे बुरे समय में हार न मानें बल्कि परिस्थितियाँ बदलने के लिए स्वयं को समर्थ बनाएँ।