हिंदी कविता लेखन प्रतियोगिता
विषय - मेरे सपनों की दुनिया
प्रतियोगियों द्वारा प्राप्त कविताएँ :-
प्रथम श्रेणी - कक्षा 3 से 7
(1)
मेरे सपनों की दुनिया में
कोई दुख न हो, न हो कोई उदास
मेरे सपनों की दुनिया में
न हो कोई दुश्मनी
न हो कोई नाराज़
सब प्यार बाँटें
और सबके चेहरे पर हो मुस्कान।
- हर्षित जैन
(2)
मेरे सपनों की दुनिया है बड़ी मज़ेदार
इंद्रधनुष पर घूमें हम सब, हो कर तैयार
आसमान में उड़ते हों, क्रीम के कपकेक
चाँदनी रात में पहाड़ों से बहता हो वनिला शेक
पेड़ों पर हों रंग - बिरंगी, टॉफ़ियों के फूल
आइसक्रीम के पहाड़ हों, ठंडे-ठंडे कूल कूल
चॉकलेट की नदियाँ हों बहती
गुलाब जामुन के हों खेत
हर शाम हो वहाँ होती हो, पॉपकॉर्न की बरसात
खुशियाँ ही खुशियाँ हो जहाँ, न हो दुख की कोई बात।
- धैर्य गोयल
(3)
मेरे सपनों की दुनिया
यह प्यारी और अनोखी दुनिया,
सभी गुणों से युक्त होगी।
यह है मेरे सपनों की दुनिया,
जो हैं बहुत उपयोगी ।
ना होगा कोई भेदभाव का साया,
ना होगी कोई लड़ाई,
यह है मेरे सपनों की दुनिया,
जिसे सबने दी बढ़ाई ।
बड़ों का सम्मान,
छोटों के लिए प्यार,
सब रहेंगें मिल-जुलकर,
एक-दूसरे से करके दुलार ।
अमीर-गरीब में न कोई फ़र्क करें,
यहाँ सब एक-दूसरे और
'अपने वतन के' लिए मर मिटें ।
ख्यालों में गुम बच्चे सोचे -
"क्या ऐसी भी कोई दुनिया होगी?"
हाँ, यह है मेरे सपनों की दुनिया
जो है बहुत उपयोगी।
- पारिशा
(4)
मेरे सपनों की दुनिया में
चॉकलेट के हों फल।
जब मन चाहे
तोड़कर उनको खाऊँ मैं झटपट
नल से निकले कैंपा कोला,
खाने में मिले आइसक्रीम
कितना अच्छा हो अगर
सपनों की दुनिया सच हो जाए
खूब मज़े आ जाएँ, जीवन मिठास से भर जाए।
- ईदांत कपूर
(5)
मेरे सपनों की दुनिया कितनी सुहानी है।
जहाँ हँसी के बादल, हर रोज़ की कहानी है।
हर सुबह सूरज की किरणें, प्यार बरसाती हैं।
रंग-बिरंगे फूलों की खुशबू, हर आँगन महकाती है।
नदियाँ हैं साफ़ - स्वच्छ, बहता है उनसे संगीत।
झगड़े न कोई एक - दूसरे से, बनकर रहें मीत।
मेरे सपनों की दुनिया में, कभी उदासी न आए।
हर कोई हँसते - खिलखिलाते, जीवन बिताए।
मेरे सपनों की दुनिया में तुम भी आ जाओ।
प्रेम का, शांति का, दोस्ती का गीत गाओ।
- परिधि कौशिक
(6)
मेरे सपनों की दुनिया में
मैं बनूँ जंगल का राजकुमार।
हाथी, शेर, चीता, भेड़िया,
सब हों मेरे पक्के यार।
चिड़िया, मैना, कोयल, मोर
गाएँ मेरा गुणगान, चारों-ओर।
मीठे झरनों का जल पीकर
मैं अपनी प्यास बुझाऊँ।
पेड़ों के मीठे-मीठे फलों से
अपनी भूख मिटाऊँ।
सभी पक्षी और सभी जानवर,
करें मुझसे प्यार।
मैं भी रखूँ उनका ध्यान,
और करूँ उन पर अपने प्यार की बौछार।
- आर्यन मेहता
(7)
सपनों की दुनिया में
स्कूल का टाइम कम हो जाए।
इंग्लिश, मैथ्स, साइंस, हिंदी
पढ़ते ही सब याद हो जाए।
खेलने के लिए दिन-भर
नए-नए खिलौने मिल जाएँ
डोरेमोन और नोबिता के संग
एनीव्येर डोर से दुनिया घूम आएँ
सपनों की दुनिया सच हो जाए
तो यह जिंदगी खुशियों से भर जाए।
- दिवजोत सिंह
(8)
मेरे सपनों की दुनिया में
जो कोई भी आएगा,
सच मानो वह इस जादू से,
हैरान हो जाएगा।
चिप्स, मोमोस, पिज़्ज़ा, बर्गर
का होता है यहाँ खाना,
आइसक्रीम, पेप्सी, चॉकलेट
की नदियों में होता नहाना ।
मेरे सपनों की दुनिया में
बहुत मज़े हैं भईया
सो जाओ जब तुम
तो पता पूछ कर आ जाना।
- समर्थ गुप्ता
(9)
हर जगह हो प्यार ही प्यार
मेरे सपनों का हो ऐसा संसार
न कोई बेईमानी, न कोई लड़ाई
सभी रहें मिलकर, जैसे भाई-भाई
खुशियों से भरी हों सारी गलियाँ
ऐसी हो मेरे सपनों की दुनिया।
- मिहिका मल्होत्रा
(10)
मैंने कल रात एक सपना देखा,
दुनिया सारी भरी हुई रोबोट से
मम्मी कर रही थी आराम
रोबोट कर रहा था सारे काम
पापा को अब नहीं होती थकान
रोबोट कर देता, उनके भी काम
अगर मुझे भी रोबोट मिल जाए
मेरा होमवर्क करदे वो, बड़ा मज़ा आए।
- अनंत जैन
(11)
रंग-बिरंगे फूलों के बाग
जहाँ में खेलूँ बार्बी और एल्सा के साथ
आसमान में इंद्रधनुष का पुल हो
उस पर चढ़ कर जाऊँ मैं सागर के पार।
रात में चमकते तारों को
तोड़ लाऊँ मैं,
चाँद की गोद में बैठकर
झूलूँ झूला सारी रात।
- कनिका गोयल
(12)
सपनों की प्यारी दुनिया में
मिले नहीं बच्चों को
स्कूल से काम।
खेल-कूद और मस्ती के साथ
थोड़ा - सा कर लें हम आराम।
मैडम भी हमेशा मुस्कुराएँ
हर पीरियड में कहानी सुनाएँ।
न कोई रूठे, न ही लड़े
न हो जहाँ रोने का कोई काम ।
उस दुनिया में सब खुश हों
हर तरफ़ हो बस खुशी का नाम।
- वारिद कात्याल
(13)
मेरी प्यारी सपनों की दुनिया
है बड़ी ही वो मज़ेदार
चोरों को पकड़ने के लिए
स्पाईडरमैन रहें हमेशा तैयार
बार्डर पर बैटमैन और बैनटैन
सिपाहियों के साथ करें देश की रखवाली
छोटा भीम भी करे पूरी,
अपनी सारी ज़िम्मेदारी।
कार्टून बल्ड के कैरेक्टर
मेरे सपनों की दुनिया में आकर
करते हैं रक्षा हमारे देश की
जी- जान लगाकर ।
- सुयश गर्ग
(14)
मेरे सपनों की दुनिया है बड़ी ही न्यारी,
खुशियों से भरी, नहीं कोई दुख भारी।
रंग-बिरंगे फूलों से सजे हैं बाग,
तितलियाँ उड़ कर चारों ओर गाए राग।
सूरज की किरणें चमकती हैं,
चाँदनी रात में सितारे दमकते हैं।
नदियाँ बहती मीठे सुर में,
बच्चे खेलते हंसते, हर पल में।
पर्वत ऊँचे, आसमान नीला,
परियों की कहानियाँ, स्वप्नों का किला।
प्यारे दोस्तों संग मस्ती करते,
हँसी-खुशी में हम सब रहते।
पढ़ाई भी मज़ेदार होती,
किताबों में जादू की बातें होती।
मेरे सपनों की दुनिया है प्यारी,
खुशियों से भरी, नहीं कोई दुख भारी।
- यशिका गिरधर
(15)
एक दुनिया है यह
एक दुनिया हो समुद्र के अंदर
मेरे सपनों की दुनिया हो
स्वर्ग से सुंदर।
गर्मी पड़े जब बहुत ज़्यादा
इस धरती पर
गर्मियों की छुट्टियाँ में
जाऊँ मैं अपने परिवार के साथ
रहने, पानी के अंदर
समुद्र के नीचे हो किला
एक, बहुत विशाल,
रंग-बिरंगी मछलियाँ
और समुद्री-जीव हों
इस किले के पहरेदार। जल-परियाँ रखें हमारा
ध्यान,
घूमूँ मैं उस जादुई हुनिया में
खूब मज़े ले-लेकर
मेरे सपनों की दुनिया हो
स्वर्ग से सुंदर।
-सोनाक्षी अग्रवाल
(16)
मेरे सपनों की दूनिया हो चाँद पर
सफे़द दूध-सा महल हो मेरा
मैं घूमूँ आसमान पर
मेरे सपनों की दुनिया हो चाँद पर।
तारों से मैं खेलूँ
तारों से मैं बातें करूँ
रात में सो जाऊँ मैं
चाँद की चांदनी ओढ़कर
मेरे सपनों की दुनिया हो चाँद पर।
कभी मैं जादू से दिखाई दूँ,
कभी छिप जाऊँ
सूरज चाचा के आने पर,
मेरे सपनों की दुनिया हो चाँद पर।
-रक्षिता रावत
(17)
मैंने देखा एक सपना
उसमें देखी सुंदर दुनिया
वहाँ हर तरफ हरियाली थी
हर ओर रंग-बिरंगे फूल थे
चारों तरफ़ खुशबू फैली थी
वो दुनिया बहुत ही सुंदर थी।
वहाँ आसमान में परियाँ उड़ रही थी,
सफे़द बादलों पर बैठकर
मैं भी आसमान में घूम रही थी।
हर तरफ़ खुशहाली थी
वो दुनिया बहुत ही सुंदर थी।
मेरे सपनों की दुनिया
बहुत ही सुंदर थी ।
-जैस्मिन शर्मा
(18)
सपनों की दूनिया में
कभी न हो भयंकर गर्मी
न हो ज़्यादा सर्दी
हर दिन वहाँ
मौसम बहुत सुहाना हो।
ठंडी-ठंडी हवा चले
और हर जगह
फूलों की महक हो ।
वहाँ न कोई बुराई हो
बस हर तरफ सच्चाई हो।
- आरुणी जैन
द्वितीय श्रेणी - कक्षा 8 से 12
(1)
ऐसी होगी मेरे सपनों की दुनिया
जहाँ पर न होगा, कोई जाति-पाति का भेदभाव,
बस होगा तो सबका, एक-दूसरे से लगाव।
मेरे सपनों की दुनिया में
कभी न होगा भ्रष्टाचार,
बस होगा वहाँ शिष्टाचार।
जहाँ पर न होगा कोई
उच्च, न कोई तुच्छ,
बस होगी मेरी दुनिया हमेशा स्वच्छ।
जहाँ पर न होगा कोई पोल्यूशन
सब लोग मिलकर निकालेंगे,
हर प्रोबलम का सोल्यूशन।
जहाँ न होगा कोई अन्याय
क्योंकि उस सपनों की दुनिया के
हमने हैं रूल बनाए।
- सृष्टि कर्माकर
(2)
मेरे सपनों की दुनिया
जहाँ कुछ अलग नहीं है
वहाँ दिन भी है, रात भी
सुबह भी है, शाम भी
अगर सूरज है तो चंद्रमा भी
अगर अग्नि है तो वायु भी
फ़र्क तो बस एक है
वो है इंसान में
वहाँ न ही जात-पात है
न ही ऊँच- नीच
न कोई काले - गोरे का पक्षपात
न किसी के कद - काठी पर तर्क - वितर्क
जहाँ है लड़का - लड़की एक बराबर
जहाँ हर तरफ़ है भाईचारा
दुनिया तो यही है, ऐसी ही रहेगी
बस बदलेगा तो वो है, इंसान
- चारवी
(3)
चमके चँदा, चमके तारे,
वहाँ के सब सुंदर नज़ारे,
लगते हैं मुझे सारे प्यारे।
खिली धूप, शीतल छाँव,
बहती नदी और उस पर नाँव
खुशियों से भरा एक सुंदर गाँव।
मीठे हैं जहाँ सबके बोल
माता - पिता का प्यार अनमोल ।
मेरे सपनों की दुनिया है ऐसी
चाहूँ मैं कि हो जाए यह दुनिया भी इसके जैसी।
- आर्ची अरोड़ा
(4)
मेरे सपनों की दुनिया के हैं अपने ही ढंग,
हर दिन लेकर आता, एक नई उमंग।
जहाँ सभी मिलकर रहते, प्रेम और समझदारी से,
एक-दूसरे की मदद करते सब, मिलकर ज़िम्मेदारी से।
जहाँ कोई भूखा न रहे, सबके पास हो अन्न,
सभी के पास काम हो, सभी रहें प्रसन्न।
जहाँ पर्यावरण की रक्षा करना न हो मज़बूरी,
हरियाली और स्वच्छता को जाने सब ज़रूरी।
काश! मेरे सपनों की दुनिया जैसी सुंदर
बन जाए हमारी यह दुनिया ।
- गुरनूर कौर
(5)
सपनों की दुनिया
मेरे ख्वाबों की दुनिया,
पहाड़ों की दुनिया
प्रकृति की दुनिया।
पेड़ों की दुनिया
जानवरों की दुनिया,
सपनों की दुनिया
सुकून की दुनिया।
मेरे सपनों की दुनिया
स्वर्ग - सी यह दुनिया
भगवान ने बनाई है ऐसी दुनिया
स्वार्थी लोगों ने उजाड़ी है यह मेरी दुनिया।
यूँ तो सब को चाहिए ऐसी दुनिया
पर रोक नहीं पाते वो अपनी गलतियाँ,
खत्म कर रहे हैं मेरी पेड़ों, पहाड़ों की दुनिया
खत्म कर रहे मेरे सपनों की दुनिया।
वक्त है अभी संभल जाओ ऐ दोस्त
देख ही रहे हो तुम अन्दाज़े दुनिया
ना पानी, ना छाँव, ना मिलेगी पनाह तुम्हें
बचा लो इसे, यह है मेरे ख्वाबों की दुनिया
पहाड़ों की दुनिया
प्रकृति की दुनिया।
- मनन शरोत्री
(6)
मेरे सपनों की दुनिया है बड़ी प्यारी,
कोई न लड़े जहाँ, हो सबमें यारी।
सबको मिले खाना, सबको मिले शिक्षा,
हर एक इंसान में हो आगे बढ़ने की इच्छा।
सभी हों समान, न हो भेदभाव,
प्यार और अपनेपन की हो छाँव।
मेरे सपनों की दुनिया, हो ऐसी कहानी,
एकता में है शक्ति, यह बात सबने जानी।
- निशिका त्यागी
(7)
कभी कभी मैं चाहूँ,
अपने सपनों में मैं खो जाऊॅं;
सपनों की उस दुनिया में मैं,
जो जी चाहे कर पाऊॅं।
मेरे सपनों की दुनिया में,
खिलते हैं इंद्रधनुष के फूल;
होती है पुष्पों की वर्षा,
हर ओर उड़ती रंगों की धूल।
सपनों की दुनिया में आकर,
बस चाहती हूॅं मैं खो जाना;
सबसे दूर, विजन में रहूँ,
यहाँ पर चाहती हूँ मैं बस जाना।
एकांत वनों में सैर करूॅं,
मेघों से कुछ मैं बात करूॅं,
ऊँचे - ऊँचे वृक्षों पर चढ़,
कुदरत के मीठे राग सुनूँ।
घूमूँ पुस्तक की बगिया में,
जहाॅं अक्षर के हैं पेड़ लगे;
जहाॅं गिरते फल कहानी के,
और कविताओं की नदी बहे।
इस दुनिया में उन्मुक्त हूॅं मैं,
मैं जो चाहूॅं कर पाती हूॅं;
कोई रोक - टोक ना सके मुझे,
अपने सपनों को मैं जी पाती हूॅं।
मेरे सपनों की दुनिया का,
है रूप - रंग विचित्र बड़ा;
कभी सुनसान - सा रेगिस्तान,
तो कभी कल्पना का मेला।
कभी मेघ उमड़ते खुशियों के,
कभी गुस्से की आँधी आती है;
कभी खिलते पेड़ उमंगों के,
कभी ग़म पतझड़ ले आती है।
यहाँ जो चाहूँ बन सकती हूँ,
मैं जो चाहे कर सकती हूॅं;
ये मेरे सपनों की दुनिया है,
अपने मन से रंग सकती हूॅं।
यहाॅं सूर्य उभरता पश्चिम से,
तारे दिन में दिख जाते हैं;
चाॅंद बातें करता है मुझसे,
मेघ अपने गीत सुनाते हैं।
पशुओं के भी मैं गान सुनूॅं,
संग नाचूँ गाऊॅं बात करूॅं;
यह मेरे सपनों की दुनिया है,
इस पर खुल के मैं राज करूॅं।
ऊँचे-ऊँचे पर्वत पर चढ़,
कुदरत के आँचल में आकर;
बैठी रहती हूॅं सारा दिन,
सच्चाई, दुःख - दर्दों से छुपकर।
मेरी दुनिया में मैं ही हूॅं,
मेरी परछाई, थामे मेरा हाथ;
खुल के इस पर मैं राज करूॅं,
ना चाहिए मुझे किसी और का साथ।
पश्चलेख :-
काश! मेरे सपनों की दुनिया सिर्फ़ एक ख़्वाब ही नहीं, सच्चाई होती।
- दिव्यामानिता पाठक
(8)
मेरे सपनों की दुनिया में
सब जगह है हरियाली
आँखों को अच्छी लगती
मन को खुश करने वाली
पेड़ों पर रंग-बिरंगे फूल
उन पर तितलियाँ गाती गाना
प्रकृति के सुंदर उपहार
कभी न इनको नष्ट करना
साफ़ हवा और हर जगह स्वच्छता
मेरे सपनों की है ऐसी दुनिया।
-शिवांश बिश्ट
(9)
मेरे सपनों की दुनिया
इस दुनिया में न कोई गरीब हो,
न कोई अमीर हो वहाँ।
सब रहे सकून से,
हर नौजवान के मन में
देश को आगे बढ़ाने का जुनून हो।
जहाँ भेदभाव का
न हो कोई नाम
सब मिल कर रहें,
चाहे हो रहीम, या हो राम।
- प्रणव नागपाल
(10)
मेरे सपनों की दुनिया हो प्यारी
जहाँ खिले खुशियों की फुलवारी।
नीला आसमान, सफे़द बादल,
हरी धरती, नदियाँ बहें कल-कल।
चिड़ियाँ गाएँ मीठे गीत,
हर जगह सुनाई दे मधुर संगीत।
हर कोई हो खुश, न हो कोई परेशानी,
मेरे सपनों की दुनिया हो मस्ती की कहानी ।
- दिव्यांश गुप्ता
(11)
सोचूँ मैं जब सोने जाऊँ
सपनों की एक दुनिया बनाऊँ।
जहाँ सच्चे लोग जो चाहें उन्हें
आसमान से वो सब मिल जाए।
जहाँ एक ही धर्म हो इंसानियत का
और हर इंसान को जहाँ पूजा जाए।
स्वर्ग से भगवान भी देखकर खुश हों ऐसी दुनिया
और यह दुनिया भी स्वर्ग बन जाए।
- ईशा सरदाना
(12)
मेरे सपनों का भारत
मैंने एक अलग ही भारत अपने सपनों में देखा है,
अतुल्य, अविश्वसनीय, मनमोहक, अपने देश को देखा है।
विश्वगुरु बनने की राह पर चल रहा है वो
निरंतर बढ़ता मेरा भारत, तेज़ी से आगे बढ़ रहा है वो
जय जवान, जय किसान
और अब जय विज्ञान के नारे लगा रहा है वो
ऐसा है मेरे सपनों का भारत, सच में ऐसा ही है वो
स्वच्छ भारत, स्वदेशी अपना रहा है भारत
भ्रष्टाचार मुक्त होगा, विश्व गुरु भारत ।
सपना, अब हर साकार करेंगे, ऐसा आत्मनिर्भर बनाएँगे अपना भारत
बापू का सपना सच करेंगे, अब भारत में नए रंग भरेंगे
उन्नति की तरफ अग्रसर होंगे विज्ञान के क्षेत्र में अव्वल भारत ।
लगता है अब करेंगे, वो हर सपना, हर उम्मीद पूरी अब जल्दी
वो दिन अब दूर नहीं, जब देशों में, हर क्षेत्र में, सर्वोच्च होगा हमारा भारत ।
सपने तो सब देखते हैं,
लेकिन भारत देश का सपना, हम बच्चे सच करेंगे।
भारत में अब ज्ञान की नई रोशनी हम भरेंगे।
देश भक्तों अब सपना सच करेंगे,
सुंदर और मनमोहक आदतों से पूरे विश्व का मन जीत लेंगे।
जय हिंद
- मायरा टंडन
(13)
कल रात में मैं
परियों की कहानी
पढ़ते-पढ़ते सो गई।
उसके बाद ही
शायद अचानक मैं
सपनों की दुनिया में
खो गई ।
मैंने देखा,
मुझे उठाकर ले जा रहे हैं
बौने बहुत सारे ।
ले जाकर
मुझे बैठाया
उन्होंने समुद्र के किनारे ।
आई वहाँ पर आसमान से उतरकर
बहुत-सी सुंदर परियाँ
मुझे दिए उन्होंने
बहुत ही सुंदर-सुंदर उपहार ।
खेलीं वो मेरे संग
किया उन्होंने मुझे तैयार ।
तभी बजने लगी घंटियाँ
आसमान से आवाज आई
उठो मिन्नी जल्दी से
स्कूल नहीं है जाना?
अलार्म बंद करो,
जाओ नहाने,
अब नहीं कोई बहाने।
-मनसिमरन कौर
(14)
मुझे अपने सपनों की दुनिया में
पसंद है खुद के साथ रहना।
अपने सपनों की दनिया में
खुद से बातें करते रहना।
सपनों की दुनिया,
जहाँ हर जगह शांति होती है।
जहाँ भाई-भाई एक-साथ रहते हैं।
जहाँ माता-पिता का सम्मान होता है।
मेरे सपनों की दुनिया,
जहाँ आदमी को उसकी जाति से
नहीं उसकी अच्छाई से जाना जाता है
जहाँ अमीर-गरीब जैसे शब्द नहीं होते हैं।
जहाँ बच्चे जीते अपना बचपन
जहाँ हर तरह पेड़-पौधे हैं
न कि कचरे के ढेर
काश! ये सपनों की दुनिया
सच हो जाए।
-ओजस्वी शर्मा
❤️❤️❤️❤️
ReplyDeleteBeautifully organized❤❤
ReplyDeleteKaash hm badey b bachoo ki tereh soch patey to y sachmuch ki duniya sapno ki duniya ki tereh hi khoobsurat hoti🔥
ReplyDeletebachpan ki yaadey kitni achi hoti hai
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